जो भी सरकार हम चुनते हैं उसे कम से कम 4 से 4.5 साल तक काम करने देना
चाहिए...फिर चाहें वो मोदी हों, केजरीवाल हों या लालू और नीतीश...केंद्र और
राज्य सरकार का विरोध करने या उसे बीच में ही गिरा देने से सिर्फ विरोधी
पार्टियों का फायदा होता है...आम आदमी को तो सिर्फ नौकरी, बिजली, पानी,
सड़क, स्कूल, अस्पताल और शांति से मतलब है...सरकार को काम करने पर मजबूर
करें...अपनी साख बचाने के लिए नहीं...अगर सरकार फिर भी अपने वादे पूरे नहीं
करे तो फिर 4 साल बाद सबकी ऐसी धुलाई करें कि उनका राजनीति से हमेशा-हमेशा
के लिए सफाया हो जाए...
मोहब्बत करने वाले रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरा करते हैं..क्योंकि किसी और को अपना हिस्सा बनाने के लिए खुद को मिटाना पड़ता है..तभी दूसरे के लिए जगह बनती है..अपना वजूद जितना मिटेगा, उतना ही प्यार बढ़ता चला जाएगा..ज़रूरी नहीं है कि जितनी प्रीत आप कर सकते हो, उतनी वापस भी मिल जाए..क्योंकि प्रेम तो केवल वही निभा सकते हैं जिन्हें दर्द के नूर में तप-तप कर संवरना आता है..प्रेमी अगर मिल जाएं तो 'राधा-कृष्ण'..और ना मिल पाएं तो 'मीरा-कृष्ण'..
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