इंडिया में रहने वाले हिन्दुओं और मुसलमानों को ये अच्छी तरह से समझ लेना
चाहिए कि उन्हे और उनकी आने वाली पीढ़ियों को यहीं रहना है एक
साथ..हमेशा-हमेशा के लिए..हमारे लिए किसी भी और देश के दरवाजे खुले नहीं
हैं..क्योंकि हम नर्म दिल और देश से प्यार करने वाले इंसान हैं..कट्टर
नहीं..लेकिन फिर भी जब कोई सेलिब्रिटी, नेता या चरमपंथी अपने फायदे के लिए
लोगों को धर्म के नाम पर बरगलाता है तो उसे सबक सिखाने की बजाए..हम आपस में
ही लड़ने लगते हैं..सोशल मीडिया पर गालियों और ज़हरीले शब्दों का अंबार
लग जाता है..हमारे देश में डर का माहौल है नहीं उसे बनाया जा रहा
है..अल्पसंख्यकों को डराओ और वोट लूटो की राजनीति में हम क्यों फंसे..अपने
ही देश में हम क्यों एक-दूसरे से डर के रहें...अगर सरकार देश की योजनाओं और
नीतियों में धर्म के आधार पर भेदभाव करे तो उसका जमकर विरोध करें...लेकिन
उससे पहले नहीं..समय की मांग है कि कंधे से कंधा मिलाकर देश को मजबूत बनाया
जाए..वर्ना अमेरिका और चीन जैसे देश तो तैयार ही बैठे हैं हमारे अंदर की
फूट का फायदा उठाने के लिए..तब देश की दुर्दशा सीरिया या अफगानिस्तान जैसी
हो जाएगी और हम कुछ नहीं कर पाएंगे..
जब ज़िंदगी उलटी दिशा में बहे..तो अड़ जाना, दोगुना जोश जगाना..जब सब कुछ बिगड़ता दिखाई दे तो अपने आप पर और अपने ईश्वर (Divine Energy) पर भरोसा, और बढ़ाना..क्योंकि जिस वक्त हम हिम्मत हारते हैं ना..उसी समय हमें सबसे ज्यादा हिम्मत रखने की आवश्यकता (Need) होती है.. आसान वक्त तो अपने आप ही कट जाता है..लेकिन मुश्किल समय में हमें ज़्यादा उम्मीद, ज़्यादा लगन और ज़्यादा विश्वास की ज़रूरत पड़ती है...यही वो समय है जब हमें ज़िद करनी है..अपना शौर्य, अपना दम-खम साबित करना है..अपने अंदर इतना विश्वास (Faith) जगाना है कि हमारे रोम-रोम को इस बात का यकीन हो जाए कि हमारे साथ जो भी होगा वो अच्छा ही होगा..ऐसा करने से ना सिर्फ हमारा मन शांत रहेगा बल्कि भविष्य को लेकर सारे डर भी खत्म हो जाएंगे..फिर हम जिस तरफ भी कोशिश करेंगे उसका नतीजा अच्छा ही होगा.. जब हम आज के हालात से निपटना सीख लेंगे, उसमें खरे उतरेंगे..तभी तो एक बेहतर दुनिया के दरवाजे खुलेंगे..
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