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ज़िंदगी एक उत्सव

बड़े से बड़ा इंसान, जिसे देखकर हमें ये लगता है कि अरे, इसकी ज़िंदगी में क्या दुख हो सकता है..सब कुछ तो है इसके पास...लेकिन वो इंसान भी अंदर से इतना दुखी हो सकता है जिसका हम अंदाज़ा नहीं लगा सकते...क्योंकि बाहरी चीज़ों से हमारी ज़िंदगी कभी भी परफेक्ट नहीं बनती...रुपया-पैसा, ज़मीन-जायदाद, खानदान-रुतबा, शोहरत-ताकत.. ये सब बाहरी चीजें हैं...अगर हम अंदर से दुखी हैं तो इन चीज़ों से कभी भी सुख नहीं मिल सकता...दुखी और हताश मन को हर चीज बुरी लगती है...रोशनी देखकर मन उदास हो जाता है...हंसी की खनखनाहट दिल में चुभती है...फूल बेरंग और चिड़ियों की चहचआहट कर्कश लगती है...लेकिन जब हम खुश होते हैं तो ये दुनिया अचानक से जीने लायक हो जाती है...चीजें वहीं रहती हैं लेकिन उन्हे देखने का नज़रिया बदल जाता है...और हर दिन एक उत्सव (celebration) बन जाता है...इसलिए खुश रहने की आदत डालिए...अपने मन पर काम कीजिए और उसे ऐसा बनाइये कि वो हर हाल, हर परिस्थिति में खुश रहे....दुख जैसे आता है वैसे चला भी जाता है...इसलिए दुख में डूबे नहीं...और ज़िंदगी की दूसरी बेहतरीन चीज़ों के लिए हमेशा शुक्रगुज़ार बने रहें... Anshupriya Prasad

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हिम्मत रखेंगे तो हो जाएगा, असंभव नहीं है..

 जब ज़िंदगी उलटी दिशा में बहे..तो अड़ जाना, दोगुना जोश जगाना..जब सब कुछ बिगड़ता दिखाई दे तो अपने आप पर और अपने ईश्वर (Divine Energy) पर भरोसा, और बढ़ाना..क्योंकि जिस वक्त हम हिम्मत हारते हैं ना..उसी समय हमें सबसे ज्यादा हिम्मत रखने की आवश्यकता (Need) होती है.. आसान वक्त तो अपने आप ही कट जाता है..लेकिन मुश्किल समय में हमें ज़्यादा उम्मीद, ज़्यादा लगन और ज़्यादा विश्वास की ज़रूरत पड़ती है...यही वो समय है जब हमें ज़िद करनी है..अपना शौर्य, अपना दम-खम साबित करना है..अपने अंदर इतना विश्वास (Faith) जगाना है कि हमारे रोम-रोम को इस बात का यकीन हो जाए कि हमारे साथ जो भी होगा वो अच्छा ही होगा..ऐसा करने से ना सिर्फ हमारा मन शांत रहेगा बल्कि भविष्य को लेकर सारे डर भी खत्म हो जाएंगे..फिर हम जिस तरफ भी कोशिश करेंगे उसका नतीजा अच्छा ही होगा.. जब हम आज के  हालात से निपटना सीख लेंगे, उसमें खरे उतरेंगे..तभी तो एक बेहतर दुनिया के दरवाजे खुलेंगे..

दर्द भरा नूर..

मोहब्बत करने वाले रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरा करते हैं..क्योंकि किसी और को अपना हिस्सा बनाने के लिए खुद को मिटाना पड़ता है..तभी दूसरे के लिए जगह बनती है..अपना वजूद जितना मिटेगा, उतना ही प्यार बढ़ता चला जाएगा..ज़रूरी नहीं है कि जितनी प्रीत आप कर सकते हो, उतनी वापस भी मिल जाए..क्योंकि प्रेम तो केवल वही निभा सकते हैं जिन्हें दर्द के नूर में तप-तप कर संवरना आता है..प्रेमी अगर मिल जाएं तो 'राधा-कृष्ण'..और ना मिल पाएं तो 'मीरा-कृष्ण'..

किस्मत बदलने के 4 मंत्र

कल जो होना था, वो हो गया..आज जो है, सो है..एक आने वाला कल ही है, जिसे हम संवार सकते हैं.. भविष्य की अनिश्चितता (Uncertainty) में हमारे लिए बहुत सारी संभावनाएं (Possibility) छिपी हुई हैं..कोई नहीं जानता कि कल क्या होगा?..यही एक चीज़ है जो हमारे हक (Favour) में है..इसका भरपूर फायदा उठा कर, हर उस चीज़ का सपना देखा जा सकता है, जो हमें चाहिए... भले ही, सब कुछ हमारे हाथ में नहीं है..लेकिन हम अपनी तरफ से, अपने और अपनों के लिए एक अच्छी ज़िंदगी की कल्पना तो कर ही सकते हैं..इसलिए, अपने भविष्य के बारे में जितना अच्छा सोच सकते हो, उतना सोचो..अपने मन में वो गुदगुदी महसूस करो, जो अपनी पसंदीदा चीज़ पाने पर होती है..जब हम अपने दिल के अंदर ये बैठा लेंगे कि एक सुनहरा कल, हमारा इंतज़ार कर रहा है, तो आज की परेशानियों से मन नहीं घबराएगा.. हमें बस 4 चीज़ें करनी हैं-- 1, अपने बेहतर कल के बारे में सोचकर, आज से ही खुश रहने की आदत डालनी है.. 2, बीते हुए कल, मौजूदा हालात और लोगों की वजह से, खुशी के अहसास को, एक पल के लिए भी कम नहीं करना है.. 3, भविष्य में जो भी मिलने वाला है, उसके लिए अभी से शुक्रगुज़ार रहना है.