हम
सपने कुछ और देखते हैं और हो कुछ और जाता है..जब ज़िंदगी की असलियत सामने
आती है तो तगड़ा झटका लगता है..सारी इच्छाएं और सपने अधूरे रह गए लगते
हैं..ऐसे में क्या करें..क्या अपनी हार मानकर बैठ जाएं और ज़िंदगी से मुंह
फेर लें..नहीं..बिल्कुल नहीं..ऐसी हालत में अपने आपको और तपाएं..अपने अंदर
ज़िंदगी की कसौटी पर खरा उतरने की अलख जगाएं..और हां..सपने देखना कभी बंद
नहीं करें..क्योंकि सपने और उम्मीद ही हमें ज़िंदा
रखते हैं..और ज़िंदा लोगों की बस्ती में मुर्दों का क्या काम..तो अपने दिल
के बिखरे हुए टुकड़ों को जोड़ें..दिमाग को रास्ते पर लाएं..और एक वीर
योद्धा की तरह नई उम्मीदों और सपनों के साथ ज़िंदगी की जंग जीतने निकल
पड़ें..जितनी बार गिरें, उतनी बार दोगुने जोश से आगे बढ़ें..क्योंकि हर हाल
में ये ज़िंदगी तो जीनी है..और बिना हारे, बिना रुके जीनी है.. Anshupriya Prasad
जब ज़िंदगी उलटी दिशा में बहे..तो अड़ जाना, दोगुना जोश जगाना..जब सब कुछ बिगड़ता दिखाई दे तो अपने आप पर और अपने ईश्वर (Divine Energy) पर भरोसा, और बढ़ाना..क्योंकि जिस वक्त हम हिम्मत हारते हैं ना..उसी समय हमें सबसे ज्यादा हिम्मत रखने की आवश्यकता (Need) होती है.. आसान वक्त तो अपने आप ही कट जाता है..लेकिन मुश्किल समय में हमें ज़्यादा उम्मीद, ज़्यादा लगन और ज़्यादा विश्वास की ज़रूरत पड़ती है...यही वो समय है जब हमें ज़िद करनी है..अपना शौर्य, अपना दम-खम साबित करना है..अपने अंदर इतना विश्वास (Faith) जगाना है कि हमारे रोम-रोम को इस बात का यकीन हो जाए कि हमारे साथ जो भी होगा वो अच्छा ही होगा..ऐसा करने से ना सिर्फ हमारा मन शांत रहेगा बल्कि भविष्य को लेकर सारे डर भी खत्म हो जाएंगे..फिर हम जिस तरफ भी कोशिश करेंगे उसका नतीजा अच्छा ही होगा.. जब हम आज के हालात से निपटना सीख लेंगे, उसमें खरे उतरेंगे..तभी तो एक बेहतर दुनिया के दरवाजे खुलेंगे..
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