वो
होली ही क्या जिसमें मोहब्बत के रंग ना हों..वो गुलाल ही क्या जो किसी
अपने के चेहरे पर ना लगे..और वो पिचकारी ही क्या जो पिया का तन-मन ना
भिगोए..इश्क में गुजारा एक-एक पल बेशकीमती है क्योंकि सिर्फ प्यार ही
ज़िंदगी को जीने लायक बनाता है..तो ये होली, सच्ची मोहब्बत के नाम..लेकिन
इश्क दुआ है जुनून नहीं..इसलिए किसी को भी उसकी औकात से ज्यादा मत
चाहो..आपका प्यार अनमोल है उसे ऐसे इंसान के लिए बचाकर रखो..जो आपकी कीमत
समझे और प्यार के साथ-साथ सम्मान भी दे..मोहब्बत के इन्ही असली रंगों के
साथ आप सभी को होली मुबारक.. Anshupriya Prasad
मोहब्बत करने वाले रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरा करते हैं..क्योंकि किसी और को अपना हिस्सा बनाने के लिए खुद को मिटाना पड़ता है..तभी दूसरे के लिए जगह बनती है..अपना वजूद जितना मिटेगा, उतना ही प्यार बढ़ता चला जाएगा..ज़रूरी नहीं है कि जितनी प्रीत आप कर सकते हो, उतनी वापस भी मिल जाए..क्योंकि प्रेम तो केवल वही निभा सकते हैं जिन्हें दर्द के नूर में तप-तप कर संवरना आता है..प्रेमी अगर मिल जाएं तो 'राधा-कृष्ण'..और ना मिल पाएं तो 'मीरा-कृष्ण'..
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