तकदीर से जब सिसकियों की आवाज़ आने लगे और टूटे हुए सपनों के टुकड़े जब
अपने ही मन के अंधेरों में चुभने लगें..उस वक्त समझ लेना कि सवेरा होने को
है..जब धक्के खाते-खाते दिल सहम जाए और छपटाकर कह उठे कि बस, अब और नहीं
सहा जाता..तब समझ लेना कि सबकुछ सुधरने ही वाला है.. क्योंकि जब परेशानियां
सहनशक्ति की हदें पार कर जाती हैं..तब हमारे इम्तिहान भी खत्म होने लगते
हैं..इसलिए हिम्मत ना हारो..ये जो मुश्किलें इस पार दिखाई दे रही हैं..ये
उस पार नहीं हैं..बस, कुछ कदम ही तो और चलना है.. +anshupriya prasad
जब ज़िंदगी उलटी दिशा में बहे..तो अड़ जाना, दोगुना जोश जगाना..जब सब कुछ बिगड़ता दिखाई दे तो अपने आप पर और अपने ईश्वर (Divine Energy) पर भरोसा, और बढ़ाना..क्योंकि जिस वक्त हम हिम्मत हारते हैं ना..उसी समय हमें सबसे ज्यादा हिम्मत रखने की आवश्यकता (Need) होती है.. आसान वक्त तो अपने आप ही कट जाता है..लेकिन मुश्किल समय में हमें ज़्यादा उम्मीद, ज़्यादा लगन और ज़्यादा विश्वास की ज़रूरत पड़ती है...यही वो समय है जब हमें ज़िद करनी है..अपना शौर्य, अपना दम-खम साबित करना है..अपने अंदर इतना विश्वास (Faith) जगाना है कि हमारे रोम-रोम को इस बात का यकीन हो जाए कि हमारे साथ जो भी होगा वो अच्छा ही होगा..ऐसा करने से ना सिर्फ हमारा मन शांत रहेगा बल्कि भविष्य को लेकर सारे डर भी खत्म हो जाएंगे..फिर हम जिस तरफ भी कोशिश करेंगे उसका नतीजा अच्छा ही होगा.. जब हम आज के हालात से निपटना सीख लेंगे, उसमें खरे उतरेंगे..तभी तो एक बेहतर दुनिया के दरवाजे खुलेंगे..
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