ज़िंदगी भी बड़ी अजीब है..जो चाहिए वो मिलता नहीं और जो नहीं चाहिए वो
भर-भर कर मिलता रहता है..कभी-कभी तो हम छोटी से छोटी चीज़ के लिए भी ऐसे
तरस जाते हैं जैसे कि उसे पाना फ़लक से चांद-तारे तोड़ने के बराबर
हो..बार-बार ऐसा होने पर निराश मन ये सोचने पर मजबूर हो जाता है कि ऐसी
चीज़ें तो दूसरों को बिना मांगे ही मिल जाती हैं फिर हमें क्यों हर बार
अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है..क्या हमारे नसीब में इतनी छोटी सी चीज़
भी नहीं है..ऐसा नहीं है..अगर हमारा आज ख़राब है तब भी हमें कल के अच्छे
होने की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए..क्योंकि जब हम रोजमर्रा की परेशानियों
में उलझे रह जाते हैं तो जीवन की हर खुशी पीछे छूटने लगती है..इसलिए हर
चीज़ पर झुंझलाने, परेशान या दुखी होने की ज़रूरत नहीं है..कुछ चीज़ें समय
के साथ अपने आप ठीक हो जाती हैं..और जो नहीं होती हैं उनको ठीक करने के लिए
हमारा हौसला और उम्मीद ही काफ़ी है.. +anshupriya prasad
जब ज़िंदगी उलटी दिशा में बहे..तो अड़ जाना, दोगुना जोश जगाना..जब सब कुछ बिगड़ता दिखाई दे तो अपने आप पर और अपने ईश्वर (Divine Energy) पर भरोसा, और बढ़ाना..क्योंकि जिस वक्त हम हिम्मत हारते हैं ना..उसी समय हमें सबसे ज्यादा हिम्मत रखने की आवश्यकता (Need) होती है.. आसान वक्त तो अपने आप ही कट जाता है..लेकिन मुश्किल समय में हमें ज़्यादा उम्मीद, ज़्यादा लगन और ज़्यादा विश्वास की ज़रूरत पड़ती है...यही वो समय है जब हमें ज़िद करनी है..अपना शौर्य, अपना दम-खम साबित करना है..अपने अंदर इतना विश्वास (Faith) जगाना है कि हमारे रोम-रोम को इस बात का यकीन हो जाए कि हमारे साथ जो भी होगा वो अच्छा ही होगा..ऐसा करने से ना सिर्फ हमारा मन शांत रहेगा बल्कि भविष्य को लेकर सारे डर भी खत्म हो जाएंगे..फिर हम जिस तरफ भी कोशिश करेंगे उसका नतीजा अच्छा ही होगा.. जब हम आज के हालात से निपटना सीख लेंगे, उसमें खरे उतरेंगे..तभी तो एक बेहतर दुनिया के दरवाजे खुलेंगे..
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