आंख में आंसू तभी अच्छे लगते हैं जब उन्हें अपनी पलकों में समेटने वाला सामने हो..अगर आपकी ज़िंदगी में ऐसा शख़्स नहीं है..तो कभी रोना नहीं..क्योंकि उन आंसुओं के छलकने का फ़ायदा ही क्या..जिनकी कोई कीमत ना हो.. +anshupriya prasad
आंख में आंसू तभी अच्छे लगते हैं जब उन्हें अपनी पलकों में समेटने वाला सामने हो..अगर आपकी ज़िंदगी में ऐसा शख़्स नहीं है..तो कभी रोना नहीं..क्योंकि उन आंसुओं के छलकने का फ़ायदा ही क्या..जिनकी कोई कीमत ना हो.. +anshupriya prasad
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