ऐसी सुबह पहले कभी नहीं हुई..ऐसा सूरज पहले कभी नहीं निकला..दर्द की लंबी-काली रात के बाद जब सूरज निकलता है तो वो ऐसे जगमगाता है मानो तन-मन के अंधेरों को खींच-खींच कर बाहर निकाल रहा हो..लेकिन हम हैं कि अपनी रोजमर्रा की उलझनों में ऐसे फंसे रहते हैं कि ये सब कभी महसूस ही नहीं कर पाते..प्रकृति हमें दिन-रात जीवन के संदेश देती रहती है लेकिन हम उन्हे कभी पढ़ते ही नहीं..हम सब प्रभु की कृपा (Grace) में हैं लेकिन फिर भी उससे अनजान हैं..शायद इसलिए कि वो हर जगह हैं..अगर वो एक जगह होते और दूसरी जगह नहीं होते तो उन्हे पहचानना आसान होता..लेकिन जो हर जगह फैला है उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है..जिस दिन से हम खुदा के वजूद को महसूस करना शुरू कर देंगे..उस दिन से सारे डर खत्म हो जाएंगे और ज़िंदगी बहुत आसान हो जाएगी.. +anshupriya prasad
ऐसी सुबह पहले कभी नहीं हुई..ऐसा सूरज पहले कभी नहीं निकला..दर्द की लंबी-काली रात के बाद जब सूरज निकलता है तो वो ऐसे जगमगाता है मानो तन-मन के अंधेरों को खींच-खींच कर बाहर निकाल रहा हो..लेकिन हम हैं कि अपनी रोजमर्रा की उलझनों में ऐसे फंसे रहते हैं कि ये सब कभी महसूस ही नहीं कर पाते..प्रकृति हमें दिन-रात जीवन के संदेश देती रहती है लेकिन हम उन्हे कभी पढ़ते ही नहीं..हम सब प्रभु की कृपा (Grace) में हैं लेकिन फिर भी उससे अनजान हैं..शायद इसलिए कि वो हर जगह हैं..अगर वो एक जगह होते और दूसरी जगह नहीं होते तो उन्हे पहचानना आसान होता..लेकिन जो हर जगह फैला है उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है..जिस दिन से हम खुदा के वजूद को महसूस करना शुरू कर देंगे..उस दिन से सारे डर खत्म हो जाएंगे और ज़िंदगी बहुत आसान हो जाएगी.. +anshupriya prasad
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