खिली-खिली सी तबीयत और दिल मे जोशीला तूफान लेकर आया है सत्रहवां साल..यानी 2017..एक, दो नहीं..पूरे बीस सवेरों की रोशनी लिए..हैप्पी वाले इस न्यू इयर ने सबको मौका दिया है उम्र का सबसे हसीन साल एक बार फिर से जीने का..तो अब नादानियों में समझदारी के जुगनू झिलमिलाने दो..और पहले से भी ज्यादा जोश और उमंग के साथ तैयार हो जाओ सत्रहवां साल जीने के लिए..Wishing you a Magical New Year 2017.. May all your Wishes come True.. +anshupriya prasad
मोहब्बत करने वाले रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरा करते हैं..क्योंकि किसी और को अपना हिस्सा बनाने के लिए खुद को मिटाना पड़ता है..तभी दूसरे के लिए जगह बनती है..अपना वजूद जितना मिटेगा, उतना ही प्यार बढ़ता चला जाएगा..ज़रूरी नहीं है कि जितनी प्रीत आप कर सकते हो, उतनी वापस भी मिल जाए..क्योंकि प्रेम तो केवल वही निभा सकते हैं जिन्हें दर्द के नूर में तप-तप कर संवरना आता है..प्रेमी अगर मिल जाएं तो 'राधा-कृष्ण'..और ना मिल पाएं तो 'मीरा-कृष्ण'..
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