इस दुनिया के मुकाबले हम एक ज़र्रा (particle) या एक बिंदु भी नहीं हैं..और अगर ये ज़र्रा अपनी किस्मत से ज्यादा पाने की हसरत रखे तो सोचो उसे कितनी मेहनत करनी पड़ेगी..अगर सचमुच कुछ पाना चाहते हो तो अपना तन-मन सपनों की आग में झोंक दो..और इतना तपो कि सूरज की आंच भी फीकी पड़ जाए..जब एक ज़र्रे में इतनी अगन होगी तो पूरी कायनात पिघल कर मजबूर हो जाएगी एक नई तकदीर लिखने के लिए.. +anshupriya prasad
जब ज़िंदगी उलटी दिशा में बहे..तो अड़ जाना, दोगुना जोश जगाना..जब सब कुछ बिगड़ता दिखाई दे तो अपने आप पर और अपने ईश्वर (Divine Energy) पर भरोसा, और बढ़ाना..क्योंकि जिस वक्त हम हिम्मत हारते हैं ना..उसी समय हमें सबसे ज्यादा हिम्मत रखने की आवश्यकता (Need) होती है.. आसान वक्त तो अपने आप ही कट जाता है..लेकिन मुश्किल समय में हमें ज़्यादा उम्मीद, ज़्यादा लगन और ज़्यादा विश्वास की ज़रूरत पड़ती है...यही वो समय है जब हमें ज़िद करनी है..अपना शौर्य, अपना दम-खम साबित करना है..अपने अंदर इतना विश्वास (Faith) जगाना है कि हमारे रोम-रोम को इस बात का यकीन हो जाए कि हमारे साथ जो भी होगा वो अच्छा ही होगा..ऐसा करने से ना सिर्फ हमारा मन शांत रहेगा बल्कि भविष्य को लेकर सारे डर भी खत्म हो जाएंगे..फिर हम जिस तरफ भी कोशिश करेंगे उसका नतीजा अच्छा ही होगा.. जब हम आज के हालात से निपटना सीख लेंगे, उसमें खरे उतरेंगे..तभी तो एक बेहतर दुनिया के दरवाजे खुलेंगे..
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