जब सब कुछ पाकर भी खाली-खाली सा लगे..और दिल कसमसा कर कहे कि जीना तो अभी बाकी है..तो इसका मतलब है कि हमने ज़िंदगी का स्वाद कभी चखा ही नहीं..या तो जो बीत गया, उसमें ही जीते-मरते रहे..या फिर जो हुआ नहीं, उसी के बारे में सोचते रहे..लेकिन सच तो ये है कि ये लम्हा, जो अभी इस वक्त है..बस, वही हमारे हाथ में है..हम, इसी का भरपूर फायदा उठा सकते हैं..तो क्यों ना अगला-पिछला एक तरफ रख कर, सिर्फ और सिर्फ मौजूदा पल में जीने की आदत डालें..तभी असल मायनों में जीने का अहसास होगा.. +anshupriya prasad
मोहब्बत करने वाले रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरा करते हैं..क्योंकि किसी और को अपना हिस्सा बनाने के लिए खुद को मिटाना पड़ता है..तभी दूसरे के लिए जगह बनती है..अपना वजूद जितना मिटेगा, उतना ही प्यार बढ़ता चला जाएगा..ज़रूरी नहीं है कि जितनी प्रीत आप कर सकते हो, उतनी वापस भी मिल जाए..क्योंकि प्रेम तो केवल वही निभा सकते हैं जिन्हें दर्द के नूर में तप-तप कर संवरना आता है..प्रेमी अगर मिल जाएं तो 'राधा-कृष्ण'..और ना मिल पाएं तो 'मीरा-कृष्ण'..
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