तैतींस करोड़ देवी-देवता सिर्फ इसलिए नहीं बताए गए कि हाथ जोड़ लिए और हो गई छुट्टी..इनमें से हरेक की ज़िंदगी से कुछ ना कुछ सीखने योग्य है..इन सभी ने विपरीत परिस्थितियों (adversities) में अदम्य साहस, बेजोड़ लगन और असाधारण काबलियत का परिचय दिया है..तभी तो सदियों बाद भी हम उन्हें याद करते हैं..असली मायनों में ये देवी-देवता नहीं अपने-अपने समय के महानायक हैं..क्या स्त्री और क्या पुरुष..सबने बुरे से बुरे हालात में अपनी योग्यता साबित की है..ये मिसाल हैं इस बात की कि हर इंसान इन्ही की ही तरह काबिल है..और हम सभी में महानायक बनने की क्षमता है..क्योंकि इस दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जिसे हम कर नहीं सकते..बस हमें अपने आपको इस बात का यकीन दिलाने की ज़रूरत है.. +anshupriya prasad
मोहब्बत करने वाले रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरा करते हैं..क्योंकि किसी और को अपना हिस्सा बनाने के लिए खुद को मिटाना पड़ता है..तभी दूसरे के लिए जगह बनती है..अपना वजूद जितना मिटेगा, उतना ही प्यार बढ़ता चला जाएगा..ज़रूरी नहीं है कि जितनी प्रीत आप कर सकते हो, उतनी वापस भी मिल जाए..क्योंकि प्रेम तो केवल वही निभा सकते हैं जिन्हें दर्द के नूर में तप-तप कर संवरना आता है..प्रेमी अगर मिल जाएं तो 'राधा-कृष्ण'..और ना मिल पाएं तो 'मीरा-कृष्ण'..
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