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Showing posts from 2021

Love has to happen..

Love's got nothing to do with shape, size, colour, disability, or any lack.. Love is complete in itself..So are we.. Let's appreciate each other's uniqueness..and heal through Love.. Love is within us.. Be your own reason to smile..  https://youtu.be/5d1yQs4O7E0

किस्मत बदलने के 4 मंत्र

कल जो होना था, वो हो गया..आज जो है, सो है..एक आने वाला कल ही है, जिसे हम संवार सकते हैं.. भविष्य की अनिश्चितता (Uncertainty) में हमारे लिए बहुत सारी संभावनाएं (Possibility) छिपी हुई हैं..कोई नहीं जानता कि कल क्या होगा?..यही एक चीज़ है जो हमारे हक (Favour) में है..इसका भरपूर फायदा उठा कर, हर उस चीज़ का सपना देखा जा सकता है, जो हमें चाहिए... भले ही, सब कुछ हमारे हाथ में नहीं है..लेकिन हम अपनी तरफ से, अपने और अपनों के लिए एक अच्छी ज़िंदगी की कल्पना तो कर ही सकते हैं..इसलिए, अपने भविष्य के बारे में जितना अच्छा सोच सकते हो, उतना सोचो..अपने मन में वो गुदगुदी महसूस करो, जो अपनी पसंदीदा चीज़ पाने पर होती है..जब हम अपने दिल के अंदर ये बैठा लेंगे कि एक सुनहरा कल, हमारा इंतज़ार कर रहा है, तो आज की परेशानियों से मन नहीं घबराएगा.. हमें बस 4 चीज़ें करनी हैं-- 1, अपने बेहतर कल के बारे में सोचकर, आज से ही खुश रहने की आदत डालनी है.. 2, बीते हुए कल, मौजूदा हालात और लोगों की वजह से, खुशी के अहसास को, एक पल के लिए भी कम नहीं करना है.. 3, भविष्य में जो भी मिलने वाला है, उसके लिए अभी से शुक्रगुज़ार रहना है.

इस फिल्म में कोई टेक नहीं है..

हम सब अपनी-अपनी कहानी के हीरो हैं..जैसे सुपर हीरो की फिल्में होती हैं न? ठीक वैसे ही, हम भी अपनों के लिए मुसीबतों से जूझते रहते हैं..उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए बड़ी से बड़ी परेशानी मोल लेते हैं.. जिस तरह से फिल्म में हीरो को तरह-तरह की मुसीबतों से घेरा जाता है..उसे, उसकी क्षमता से ज्यादा परेशानियां दी जाती हैं..वैसे ही, हमारी ज़िंदगी भी मुसीबतों और परेशानियों से भरी हुई है..एक समस्या हल करते हैं तो दूसरी खड़ी हो जाती है..एक दुख से निकलते हैं तो दूसरा  पकड़ लेता है..और जब सब कुछ ठीक होने ही वाला होता है तो, विलेन की एंट्री (Entry) हो जाती है..या फिर नई चुनौती खड़ी हो जाती है.. लेकिन, इस सबके बावजूद, ज़िंदगी, बहुत खूबसूरत है..क्योंकि ये हमारी, अपनी कहानी है..सबसे अलग, सबसे प्यारी और सबसे रोमांचक..ये एक ऐसी अद्भुत (Marvellous) फिल्म है..जिसे अगर बड़े पर्दे पर रिलीज़ किया जाए..तो अब तक की सबसे हिट फिल्म साबित होगी..क्योंकि, इतना संघर्ष..इतनी हसरतें..इतने इमोशन (Emotion)..और कहां देखने को मिलेंगे?  इसलिए, अपनी ज़िंदगी की चुनौतियों का सामना एक सुपर स्टार की तरह करें..एक हीरो की तरह ये

उम्मीद की किरण

 कोरोना तो जाने का नाम ही नहीं ले रहा है..अपने साथ ना जाने और कितनी बीमारियां ले आया है..ऐसे में हमें ही इस महामारी से ऊपर उठना होगा.. टीकाकरण, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ योग, प्राणायाम, वैकल्पिक दवाइयां जैसे-आयुर्वेद, होम्योपैथी, संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या और सकारात्मक सोच से हम इस महामारी पर जीत हासिल कर सकते हैं.. हमें हर हाल में ये जंग जीतनी है..और हम जीतेंगे भी..उम्मीद की किरण को कस कर पकड़े रखना..अपने विश्वास को और मजबूत करना..क्योंकि कोरोना हमारे शरीर को हरा सकता है..मजबूत मन को नहीं.. https://youtu.be/Zkikou3ks2w

ये दर्द जो सीने को छीले जाता है.. .

जिस समय हम सबसे ज़्यादा कमज़ोर पड़ते हैं न..वही हमारी ज़िंदगी का सबसे ताकतवर पल होता है..क्योंकि उसके बाद खोने के लिए कुछ नहीं बचता..और हमारे अंदर चट्टान की तरह हर तूफान से टकराने का हौसला आ जाता है.. जब हमें लगता है कि अब सब कुछ खत्म हो गया..तब हमारी ज़िंदगी को एक अलग दिशा मिलती है..क्योंकि घनघोर निराशा के बाद ही नई आशा का सृजन (Creation) होता है.. ये दर्द जो सीने को छीले जाता है..वही तो मोहब्बत बनकर आंखों से छलक जाता है.. जब मन में स्याह अंधेरे गहराते हैं..तभी तो हिम्मत जैसा कुछ कौंध जाता है.. ठहरे हैं..हारे नहीं..फिर लौटेंगे..पूरी ताकत के साथ..खफा-खफा सी ज़िंदगी को गले लगाने के लिए..

इस होली, तन भीगे या ना भीगे..

रोकना नहीं, अपने आप को बहने देना.. जो बात मन में अधूरी थी, उसे कह देना.. कोरोना ने हालात बदले, लेकिन जज़्बात  नहीं.. तुम मन की परतों को, धीरे-धीरे खुलने देना.. इस होली, तन भीगे या ना भीगे.. तुम दिल के हर कोने को, सतरंगी रंगों से भर लेना.. रंग ऐसा, जो चढ़े तो ना उतरे कभी बेरंग सी रूह को, सच्चे रंगों से रंग लेना.. इस होली, तन भीगे या ना भीगे.. तुम दिल के हर कोने को, सतरंगी रंगों से भर लेना..

ना जाने किस मिट्टी के बने हो?

कभी पहचाना अपने आपको? कितनी हिम्मत और हौसलों का कारवां (Carvan) साथ लेकर चलते हो? ज़िम्मेदारियां पैर खींचती हैं, थक के चूर हो जाते हो, फिर भी रुकने का नाम नहीं लेते..बैचेनी डसती है, अकेलापन खाने को दौड़ता है, तब भी दूसरों की फिक्र करना नहीं छोड़ते..बार-बार सताए जाते हो, बार-बार रुलाए जाते हो, लेकिन सिसकियों को दबाए, छलनी दिल से भी मुस्कुरा देते हो.. क्या हो? किस मिट्टी के बने हो? ना टूटना जानते हो..ना रुकना..बस चलते ही जाते हो..देखो ना, चलते-चलते कितना सफर तय कर लिया है..कितना मुश्किल था इतनी सारी कठिनाइयों को पार करते हुए यहां तक पहुंचना, लेकिन फिर भी आ गए हो.. जब यहां तक आने की ताकत रखते हो, तो आगे भी जा सकते हो..ये हिम्मत..ये हौसला..जो अब तक दिखाया है..उसे कम नहीं होने देना..इसी जज़्बे ने हमें अभी तक ज़िंदा रखा है..अब यही जज़्बा हमें आगे बढ़ाएगा..भले ही, अभी तक हम कुछ खास नहीं कर पाए हों, लेकिन अब ज़रूर कर लेंगे..क्योंकि अब हमें अपना साथ मिल गया है..हमने उस उजाले को देख लिया है जो हमारे अंदर और आसपास है..यही उजाला हमारी राहें रोशन करेगा..बस, पूरे ईमान (Faith) से कदम बढ़ाते रहना..

संकल्प से सिद्धि

हम इंतज़ार करते रहते हैं कि थोड़े से हालात सुधर जाएं, तब हम शुरुआत करें..लेकिन हालात कहते हैं कि वो तभी बदलेंगे, जब हम शुरुआत करेंगे..इसी कश्मकश में एक बेहद बेशकीमती चीज़ हमारे हाथ से फिसलती चली जाती है..वो है-समय.. अगर हम ज़िंदगी की गाड़ी को सिर्फ भाग्य के पहियों के भरोसे छोड़ देंगे..तो वो अपनी मर्ज़ी से चलेगी..कभी टेढ़ी-मेढ़ी, तो कभी रुक-रुक कर..लेकिन अगर इस गाड़ी में संकल्प (Resolve) और मेहनत के शक्तिशाली पार्ट (Part) लगा दिए जाएं..तब ये वहीं जाएगी, जहां हम इसे ले जाना चाहते हैं.. हमारा संकल्प, ज़िंदगी की गाड़ी का स्टीयरिंग (Steering wheel) बन जाएगा..जिससे इसे सही दिशा मिलेगी..और हमारी मेहनत, गाड़ी के एक्सीलेटर (Accelerator pedal) का काम करेगी..जिससे इसे रफ्तार मिलेगी.. सही दिशा और रफ्तार..यानी संकल्प और मेहनत..सिर्फ यही दो चीज़ें हैं, जो हमारे लिए छोड़ी गई हैं..और इन्ही दो चीजों का होना या ना होना, हमारी सफलता या असफलता, निर्धारित करता है.. इसलिए, जो भी करना चाहते हो, उसका संकल्प लेकर, जहां हो..जैसे हो..वहीं से शुरू करो..क्योंकि, जब तक हम पूरी लगन से आगे नहीं बढ़ेंगे..तब तक ना तो ह