नहीं चाहिए आपका ज्ञान, आपकी नफरत, आपकी मौका परस्ती..जब जान ही नहीं रहेगी तो क्या करेंगे इनका? ये जो मुर्झाए हुए, डरे-सहमे चेहरें हैं..इन्हे ज़रूरत है थोड़ी सी करुणा, सहयोग और हौसला बढ़ाने वाले चार शब्दों की.. हमें क्या मिला? क्या नहीं? ये सोचने का समय, चला गया है..अब हमें ये सोचना है कि हम अपने समाज, अपने देश और दुनिया के लिए क्या कर सकते हैं? लेकिन, अगर आप दूसरों की मदद नहीं कर सकते, तो भी कोई बात नहीं..आपका अच्छा सोचना और बोलना ही काफी है.. कोरोना के खिलाफ ये लड़ाई लंबी है..सावधानी बरतिए और एक दूसरे का हौसला बढ़ाते रहिए..
Let's bring out the Hero in you..