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Showing posts from March, 2017

'Live in the Moment'

जब सब कुछ पाकर भी खाली-खाली सा लगे..और दिल कसमसा कर कहे कि जीना तो अभी बाकी है..तो इसका मतलब है कि हमने ज़िंदगी का स्वाद कभी चखा ही नहीं..या तो जो बीत गया, उसमें ही जीते-मरते रहे..या फिर जो हुआ नहीं, उसी के बारे में सोचते रहे..लेकिन सच तो ये है कि ये लम्हा, जो अभी इस वक्त है..बस, वही हमारे हाथ में है..हम, इसी का भरपूर फायदा उठा सकते हैं..तो क्यों ना अगला-पिछला एक तरफ रख कर, सिर्फ और सिर्फ मौजूदा पल में जीने की आदत डालें..तभी असल मायनों में जीने का अहसास होगा..  +anshupriya prasad  

उसका मज़हब मत छीनो..

धर्म कोई आडंबर नहीं बल्कि जीवन शैली (lifestyle) है..मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा जाए बिना भी हम धार्मिक हो सकते हैं..क्योंकि जब तक हम ईश्वर (Divine) के साथ अपना पर्सनल कनेक्शन जोड़ना नहीं सीख जाते..तब तक धर्म ही हमारी उंगली पकड़ कर हमें चलना सिखाता है..इसलिए किसी से भी उसका मज़हब कभी मत छीनो..  +anshupriya prasad  

Magic of love

If you love someone then you can not hate anyone..That's the magic of the true love..  +anshupriya prasad  

Love truly

When the world is seen through the prism of heart, all the good things magnify..and the Love, you were looking for..comes back to you with it's full force..So Love truly before expecting..  +anshupriya prasad  

छाती फाड़ इश्क..

मोहब्बत अगर..सिर्फ जिस्मानी होती तो रूह को इतनी छटपटाहट ना होती..प्यार अगर..महज़ छूने से जताया जा सकता तो निगाहों को चेहरा पीने की तलब ना होती..बेशुमार इश्क से जब छाती फटने लगती है तो आंखों से दुआएं (compassion) बरसती हैं..और फिर 'वो' एक शख्स सारी कायनात से जुड़ने का जरिया बन जाता है..  +anshupriya prasad