कभी राम के चरित्र पर उंगली..तो कभी कान्हा के..कभी शिवलिंग पर सवाल तो कभी माता की शक्ति पर..दूसरों की छोड़िए यहां तो लोग अपने ही धर्म का मज़ाक बनाने लगे हैं..हम ये भूल गए हैं कि हमारे भगवान मानव रूप में ज़रूर हैं लेकिन वो मानव नहीं हैं..भगवान की मानवीय साज-सज्जा, उनके काम और यहां तक कि उनके रंगों के पीछे भी अलग-अलग और गहरे मतलब छुपे हुए हैं..वैसे भी सिर्फ मंदिर जाना और पूजा करना ही धर्म नहीं है..हि न्दू धर्म एक जीवन शैली है..इसलिए इसका दूसरे धर्मों से कोई बैर नहीं..हम सबके साथ मिल जुलकर भी अपने धर्म का पालन कर सकते हैं..ज़रूरी नहीं है कि जो चीज़ें हम बचपन से देखते आए हैं वही सही हों..अगर कुछ लोगों ने अपने फायदे के लिए हिन्दू धर्म का स्वरूप बिगाड़ दिया है तो ये ज़िम्मेदारी हमारी है कि हम अपने धर्म के असली रूप को पहचानें और उसे सही मायने में अपनाएं.. +anshupriya prasad
Let's bring out the Hero in you..