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Showing posts from July, 2017

गमों की फैक्ट्री

गम तो एक तरह की फैक्ट्री है..जहां इंसानों को तराशा जाता है..क्योंकि जब तक हमारी सहनशक्ति की बार-बार परीक्षा नहीं ली जाएगी..तब तक कभी ना रुकने, कभी ना हार मानने का हौसला कहां से आएगा..और जब तक खुद नहीं रोएंगे..तब तक दूसरों की तकलीफ कैसे समझ में आएगी..ये जितने भी छोटे-बड़े दुख, दर्द, मुसीबतें और परेशानियां हैं ना..ये कोई सजा नहीं हैं..बल्कि मजबूत और बेहतर इंसान बनने की कड़ियां हैं..इसलिए कुढ़-कुढ़ कर अपने दिमाग, शरीर और इमोशन की ताकत को जाया ना करो..इन कड़ियों को जोड़ो और कीचड़ में भी कमल बनकर खिलो..आसान ज़िंदगी चाहिए तो इंसान बनने का क्या फायदा..पशु-पक्षी बनकर ही जी लेते..  +anshupriya prasad  

Only Love, No Pain..

अपनी ही आंखों में जब, किसी और का अक्स नज़र आए..और कदम-कदम पर सैकड़ों टन जादू बिखरने लगे..तो अपनी चाहत के इन पलों को हमेशा-हमेशा के लिए अपने दिल में कैद कर लो..क्योंकि दर्द, प्रेम में नहीं..प्रेम के ना होने में है..और जब दिल, मोहब्बत से लबालब भरा रहेगा..तो इबादत (Oneness) का रास्ता खुद-ब-खुद रोशन हो जाएगा..  +anshupriya prasad  

Why don't we Succeed?

हमारी ख्वाहिशें इसलिए पूरी नहीं होतीं क्योंकि, हम अगर एक कदम आगे बढ़ाते हैं तो चार कदम पीछे खींच लेते हैं..एक पल में इरादा करते हैं और दूसरे ही पल ये सोचने लगते हैं कि ये कैसे होगा..ये तो बहुत मुश्किल है..हमारी किस्मत तो इतनी अच्छी नहीं है कि हमें ये मिल जाए..या फिर अरे, छोड़ो क्या करना है..आज तक कुछ मिला भी है जो आगे मिलेगा..इसी उधेड़बुन में हम लगातार पीछे और पीछे होते चले जाते हैं..ऐसे हालात में कितना भी मेहनत कर लो..कितना भी इरादा कर लो..कामयाबी नहीं मिलेगी..क्योंकि हम जितना आगे बढ़ते हैं उससे ज्यादा अपने आपको पीछे धकेल देते हैं..और जब कदम आगे ही नहीं बढ़ेंगे तो मंजिल तक कैसे पहुंचेगे..इसलिए अगर सचमुच कुछ पाना चाहते हो तो सारे किंतु-परंतु छोड़ दो..हमारा काम है अपने इरादे पर टिके रहना..और सही दिशा में मेहनत करना..वो कब होगा..कैसे होगा..ये सोचना हमारा काम नहीं है..कुछ चीजें समय पर भी छोड़ देनी चाहिए.. +anshupriya prasad  

Make the Best of it..

अपनी किस्मत से प्यार करना सीखो..फिर चाहें वो अच्छी हो या बुरी..क्योंकि अगर हम अपनी किस्मत को लगातार कोसते रहेंगे..तो वो बद् से बद्तर होती चली जाएगी..लेकिन अगर हम अपनी तकदीर से बिना शर्त बेपनाह मोहब्बत (unconditional Love) करेंगे..तो वो हमसे ज्यादा देर तक रूठी नहीं रह सकती..एक ना एक दिन तो उसे भी पलट कर प्यार करना ही पड़ेगा..इसलिए सबसे पहले जो मिला है और जो हो रहा है..उसे तहे दिल से स्वीकारो..और फिर उसे बेहतर कैसे बनाना है..इस बारे में सोचो..वैसे भी जब तक हम अपने मौजूदा हालात और चीज़ों के लिए शुक्रगुज़ार नहीं होंगे..तब तक बेहतर कल का रास्ता नहीं खुलेगा..  +anshupriya prasad