ये रात भले ही आंसुओं से भीगी थी लेकिन इसकी सुबह गुलाबी होगी..ये दिन भले ही धक्के खाते बीता लेकिन इसकी रात सुकून भरी होगी..ये उम्मीद कभी टूटे नहीं..ये हौसला कभी छूटे नहीं..क्योंकि जन्म पर तो हमारा बस नहीं था लेकिन जीने का सलीका ज़रूर हमारे हाथ में है..ये हमें तय करना है कि हमें रोते-कलपते हुए अपनी ज़िंदगी बितानी है या फिर एक हीरो की तरह हर गम, हर दर्द में हंसते-मुस्कुराते हुए जीना है..जिस दिन हम ये तय कर लेंगे..उस दिन से सुख और दुख को देखने का हमारा नज़रिया बदल जाएगा..फिर मुश्किलें उम्र भर के आंसू नहीं, ज़िंदगी भर की सीख देंगी..और तब हम किस्मत को कोसने के बजाए कुछ कर दिखाने और आगे बढ़ने के सपने देखेंगे.. +anshupriya prasad
Let's bring out the Hero in you..