जिसने बार-बार मज़ाक उड़ाया और तानों के नश्तर चुभोए..उसने कुछ कर दिखाने की ज़िद दी..जिसने हर बार भरोसा तोड़ा और कभी मदद नहीं की..उसने खुद पर, खुदा पर यकीन करना सिखाया..जिसने छोटी-छोटी चीजों के लिए रुलाया और पग-पग पर रोड़े अटकाए..उसने मुश्किलों से निपटने का हौसला दिया..तो आओ..और आंच डालो..और जलाओ..अब ना तो तड़प है और ना ही घुटन है..क्योंकि हमने तो तप-तप कर निखरने की ठान ली है.. +anshupriya prasad
Let's bring out the Hero in you..