दूसरों
से मान-सम्मान पाने के लिए खुद को प्यार और सम्मान देना ज़रूरी
है..क्योंकि हम अपने बारे में जो भी सोचते हैं...दूसरे भी हमें वैसा ही
मानना शुरू कर देते हैं...इसलिए अपने आपको किसी से कम मत समझो...दिल में
इतना आत्मविश्वास लेकर घर से निकलो कि सूरज भी फीका पड़ जाए...किसी को भी
अपनी ज़िंदगी में इतना मत घुसने दो कि वो आपको अपना पंचिंग बैग बना
ले...अपनी कीमत को पहचानो और खुद को सबसे स्पेशल मानो...क्योंकि दूसरों से
इज्ज़त तभी मिलेगी जब हम खुद अपनी इज्ज़त करना सीखेंगे...Anshupriya Prasad
मोहब्बत करने वाले रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरा करते हैं..क्योंकि किसी और को अपना हिस्सा बनाने के लिए खुद को मिटाना पड़ता है..तभी दूसरे के लिए जगह बनती है..अपना वजूद जितना मिटेगा, उतना ही प्यार बढ़ता चला जाएगा..ज़रूरी नहीं है कि जितनी प्रीत आप कर सकते हो, उतनी वापस भी मिल जाए..क्योंकि प्रेम तो केवल वही निभा सकते हैं जिन्हें दर्द के नूर में तप-तप कर संवरना आता है..प्रेमी अगर मिल जाएं तो 'राधा-कृष्ण'..और ना मिल पाएं तो 'मीरा-कृष्ण'..
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