दूसरों
से मान-सम्मान पाने के लिए खुद को प्यार और सम्मान देना ज़रूरी
है..क्योंकि हम अपने बारे में जो भी सोचते हैं...दूसरे भी हमें वैसा ही
मानना शुरू कर देते हैं...इसलिए अपने आपको किसी से कम मत समझो...दिल में
इतना आत्मविश्वास लेकर घर से निकलो कि सूरज भी फीका पड़ जाए...किसी को भी
अपनी ज़िंदगी में इतना मत घुसने दो कि वो आपको अपना पंचिंग बैग बना
ले...अपनी कीमत को पहचानो और खुद को सबसे स्पेशल मानो...क्योंकि दूसरों से
इज्ज़त तभी मिलेगी जब हम खुद अपनी इज्ज़त करना सीखेंगे...Anshupriya Prasad
अपने आप से बात करते समय, बेहद सावधानी बरतें..क्योंकि हमारा आगे आने वाला वक्त काफी हद तक, इस बात पर निर्भर करता है कि हम क्या सोचते हैं..या फिर खुद से कैसी बातें करते हैं..हमारे साथ कोई भी बात, होती तो एक बार है, लेकिन हम लगातार उसी के बारे में सोचते रहते हैं..और मन ही मन, उन्ही पलों को, हर समय जीते रहते हैं जिनसे हमें चोट पहुंचती है..बार-बार ऐसी बातों को याद करने से, हमारा दिल इतना छलनी हो जाता है कि सारा आत्मविश्वास, रिस-रिस कर बह जाता है..फिर हमें कोई भी काम करने में डर लगता है..भरोसा ही नहीं होता कि हम कुछ, कर भी पाएंगे या नहीं..तरह-तरह की आशंकाएं सताने लगती हैं..इन सबका नतीजा ये होता है कि अगर कोई अनहोनी, नहीं भी होने वाली होती है, तो वो होने लगती है..गलत बातें सोच-सोच कर, हम अपने ही दुर्भाग्य पर मोहर लगा देते हैं..इसलिए वही सोचो, जो आप भविष्य में होते हुए देखना चाहते हो..वैसे भी न्यौता, सुख को दिया जाता है..दुख को नहीं..तो फिर तैयारी भी खुशियों की ही करनी चाहिए..
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